New Banking Rules 2025: 7 बड़े बदलाव से 3 करोड़ ग्राहकों के खाते खतरे में

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New Banking Rules 2025

आज के डिजिटल जमाने में बैंकिंग सेवाएं इतना सहज और आसान हो गई हैं कि हर किसी के लिए बैंक खाता होना जरूरी हो गया है। लोग अपने पैसों को सुरक्षित रखने के लिए बैंक खाते खोलते हैं और डिजिटल लेनदेन के जरिए अपना काम-काज चलाते हैं।

लेकिन हाल ही में नए बैंकिंग नियम लागू होने से कई ग्राहकों के खाते खाली होने की खबरें सामने आई हैं, जिससे जनता में चिंता की लहर दौड़ गई है।

इन नियमों के कारण बहुत से खाताधारकों के खाते अचानक ब्लॉक हो रहे हैं या उनके खाते में जमा राशि निकलती जा रही है। खासकर वे लोग जो लंबे समय से अपने खाते में कम लेनदेन करते हैं या जिनके खाते निष्क्रिय हो चुके हैं, उनपर यह नियम भारी पड़ रहे हैं।

सरकार और रिजर्व बैंक ने इस मामले में सख्त कदम उठाए हैं ताकि बैंकिंग प्रणाली को और अधिक पारदर्शी, सुरक्षित और सक्रिय बनाया जा सके। इस लेख में जानेंगे कि ये नए नियम क्या हैं, इनके कारण खाताधारकों को क्या झटका लग रहा है और इससे कैसे बचाव किया जा सकता है।

New Banking Rules 2025

बैंकों में लंबे समय से निष्क्रिय पड़े खातों को लेकर नई प्रक्रिया शुरू की गई है। अब यदि बैंक खाता लगातार कई महीनों से इस्तेमाल नहीं किया गया है तो बैंक उसे निष्क्रिय (Dormant) घोषित कर देगा। यह कदम बुजुर्ग खाताधारकों और कम सक्रिय ग्राहकों को लेकर लिया गया है।

निष्क्रिय खाते में जमा राशि जबरदस्ती बैंक द्वारा रोक ली जाती है और खाते से पैसे निकालने या लेन-देन करने पर रोक लग जाती है। खाते को फिर से सक्रिय करने के लिए नए सिरे से KYC किया जाना जरूरी होता है।

यह नियम नकली, धोखाधड़ी या फ्रॉड खातों के खतरे को कम करने के लिए लागू किए गए हैं। साथ ही, इसका उद्देश्य ग्राहकों को खाते के प्रति सजग बनाना और बैंकिंग लेनदेन को सुरक्षित बनाना है।

खाताधारकों को क्यों झटका लग रहा है?

आज भी कई लोग अपने खाते में पैसों को जमा करके उसे लंबे समय तक इस्तेमाल नहीं करते। ऐसे लोग यह महसूस नहीं करते कि उनकी जिम्मेदारी भी होती है कि वे खाते को सक्रिय रखें।

नए नियम से उन खातों को बैंक अपने आप निष्क्रिय करते हैं और संबंधित ग्राहक को सूचना दिए बिना खाते को ब्लॉक कर देते हैं। इससे खाताधारक आश्चर्यचकित रहते हैं और अचानक उनका बैंक खाता और वह राशि दोनों अनुपलब्ध हो जाते हैं।

खाते को पुनः चालू कराने के लिए ग्राहक को नए सिरे से पहचान पत्र और दस्तावेज जमा करने पड़ते हैं, जिससे समय और मेहनत दोनों लगती है।

खातों का सक्रिय रखरखाव कैसे करें?

खाताधारक अपने खाते को निष्क्रिय होने से बचाने के लिए नियमित रूप से लेन-देन करते रहें। मोबाइल बैंकिंग, नेट बैंकिंग, एटीएम या शाखा से समय-समय पर ट्रांजैक्शन कर सकते हैं।

यदि आपका खाता निष्क्रिय हो जाए तो तुरंत बैंक शाखा में संपर्क कर आवश्यक KYC और पहचान पत्र अपडेट कराएं। बैंक से संपर्क कर खाते की स्थिति के बारे में भी जानकारी प्राप्त करें।

इसके अलावा, बैंक की अपडेटेड नीतियों और ईमेल/एसएमएस अलर्ट पर ध्यान दें ताकि किसी भी कदम का समय रहते पता चल सके।

अन्य महत्वपूर्ण जानकारी

कई बैंक अब डिजिटल और स्वचालित सिस्टम से खाते की निगरानी कर रहे हैं। यदि कोई असामान्य गतिविधि होती है तो संबंधित ग्राहक को सूचित किया जाता है। इस कदम से फ्रॉड को पकड़ा जाता है और खाताधारक सुरक्षित रहते हैं।

निष्क्रिय खातों से जुड़ी राशि सरकार के पास भी ट्रांसफर की जाती है, जिसे “अमानत निधि” कहा जाता है। खाताधारक इसे आसानी से वापस प्राप्त कर सकते हैं, बशर्ते वे सही प्रक्रिया पूरी करें।

निष्कर्ष

बैंकिंग नियमों में हुए इस नए बदलाव का उद्देश्य ग्राहक और बैंक दोनों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है। हालांकि इससे कई खाताधारकों को असुविधा का सामना करना पड़ रहा है, लेकिन उचित जागरूकता और नियमित खाते की देखभाल से इससे बचा जा सकता है।

अगर आपके खाते में भी अचानक पैसे नहीं आ रहे या खाता निष्क्रिय हो गया है, तो जल्द बैंक से संपर्क करें और नए नियमों के अनुसार आवश्यक कदम उठाएं। यह आपके पैसों और बैंकिंग सुविधा की सुरक्षा के लिए जरूरी है।

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